शहंशाही आलम सीरप ( Shahenshahi Alam Syrup )

                                                  

                                               शहंशाही आलम सीरप

                         यौनशक्ति एवं क्षमता में व्रद्धि कारक, शारीरिक ओज एवं बल वर्धक
 विवरण :- शहंशाही आलम एक हर्बल फ़ॉर्मूला है | यह पुरुषों के लिए है और प्रीमेच्योर एजाकुलेशन (Premature Ejaculation) जिसे शीघ्रपतन या स्खलन भी कहते हैं, में उपयोगी है | यह मुख्य रूप से वाजीकारक, पौष्टिक और बलवर्धक दवाई है | इससे धातु की कमी दूर होती है और शरीर हृष्ट पुष्ट बनता है | पुरुषों द्वारा इसका सेवन नसों की कमज़ोरी दूर करता है और स्तंभन तथा कामेच्छा को बनाए रखता है यह दवा 0 शुक्राणु (Nill Sperms) में  भी प्रभावकारी है | इस दवा के सेवन से तनाव दूर होता है और पौरुष शक्ति में व्रद्धि होती है |

शहंशाही आलम सीरप  के मुख्य घटक (Ingredients of Shanshahi Aalam Syrup) :-
·         अश्वगंधा ( Withania Somnifera) 400mg.
·         कौंच ( Mucuna Pruriens) 400mg.
·         शतावरी ( Asparagus Racemosus) 400mg.
·         लोध्रा ( Symplocos Racemosa) 400mg.
·         उड़द ( Black Lentil)  400mg.
·         ब्राह्मी  ( Bacopa Monimeri)  200mg.
·         गोखरू  ( Tribulus Terrestris) 200mg.
·         द्राक्षा ( Vitis Vinifera Linn.)  200mg.
·         बला ( Sida Cordifolia) 200mg.
·         अकरकरा ( Anacyclus Pyrethrum)  50mg.
·         शिलाजीत (Asphaltum) 50mg.
·         शुगर   q.s.
जानिए मुख्य जड़ी-बूटियों को -
अश्वगंधा को असगंध, विथानिया, विंटर चेरी आदि नामों से जाना जाता है | यह एक टॉनिक दवा है | यह शरीर को बल देती है | असगंध तिक्त-कषाय, गुण में लघु और मधुर विपाक है | यह एक उष्ण वीर्य औषधि है | यह वात-कफ शामक, अवसादक, मूत्रल और रसायन है जो कि स्पर्म काउंट को बढ़ाती है |
1.       अश्वगंधा जड़ी-बूटी पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है |
2.       यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है |
3.       यह पुरुषों में जननांग के विकारों के लिए एक बहुत ही अच्छी दवा है |
4.       यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है |
5.       यह शुक्र धातु की कमी, उच्च रक्तचाप, मूर्छा, भ्रम, अनिद्रा, श्वास रोगों को दूर करने वाली उत्तम वाजीकरक औषधि है |  
कौंच बीज को केवांच बीज के नाम से भी जाना जाता है | आयुर्वेद मतानुसार कौंच बीज वीर्य बढ़ाने वाला, पुष्टिकारक , बलदायक, कफ-पित्त नाशक और अत्यंत वाजीकारक मतलब वीर्य को देर तक रोकने वाला और टाइमिंग बढ़ाने वाला है | यह सेक्सुअल प्रॉब्लम के लिए बेहतरीन टॉनिक की तरह काम करता है और सेक्स पावर को बढ़ाता है|
शतावरी एक जानी मानी जड़ी-बूटी है जो अपने गुणों के कारण दुनियाभर में इस्तेमाल की जाती है | इसे शतावर के नाम से भी जाना जाता है |
1.       शरीर में कमज़ोरी रहना और थोड़े से काम से ही थक जाने में शतावरी के इस्तेमाल से फायदा होता है |
2.       शतावरी के इस्तेमाल से पुरुषों में  यौन शक्ति बढ़ती है |
3.       शतावरी शरीर को शक्ति देती है और स्टेमिना बढ़ाती है |
4.       शतावरी के इस्तेमाल से शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता भी बढ़ती है और पुरुषों की इनफर्टिलिटी की समस्या दूर होती है |
5.       शतावरी इम्युनिटी पावर को बढ़ाती है जिससे आप जल्दी या बार-बार बीमार होने से बच सकते हैं |
6.       शतावरी एक नेचुरल एंटी ओक्सीडेंट है जो पाचन शक्ति को बढ़ाता है और यौवन बनाए रखता है |
7.       शतावरी के प्रयोग से दिमाग़ को ताक़त मिलती है, तनाव व डिप्रेशन कम होता है और मानसिक शांति मिलती है |

लोध्रा एक काषाय रस औषधि है | यह पित्त-कफ को शांत करता है | यह शीत वीर्य है | वीर्य का अर्थ होता है वह शक्ति जिससे द्रव्य काम करता है | आचार्यों ने इसे मुख्य रूप से दो ही प्रकार का माना है, उष्ण या शीत | शीत वीर्य औषधि जीवनीय होती है | यह स्तम्भनकारक और रक्त तथा पित्त को साफ करने वाली होती है |

उड़द या उरद एक दलहन होता है | उड़द की दाल एक अत्यंत बलवर्धक व पौष्टिक होती है | इसमें बहुत सारा आयरन होता है जिससे शरीर को बाल मिलता है | इसके सेवन से पुरुषों की यौन शक्ति बढ़ती है तथा सभी विकार दूर होते हैं |

ब्राह्मी का प्रभाव मुख्यतः मस्तिष्क पर पड़ता है | यह मस्तिष्क के लिए एक पौष्टिक टॉनिक तो है ही साथ ही यह मस्तिष्क को शांति भी देती है | लगातार मानसिक कार्य करने से थकान के कारण जब व्यक्ति की कार्यक्षमता घट जाती है तो ब्राह्मी का आश्चर्यजनक असर होता है | ब्राह्मी स्नायुकोषों  का पोषण कर उन्हें उत्तेजित कर देती है और हम पुनः स्फूर्ति का अनुभव करने लगते हैं |

गोखरू को गोक्षुर, त्रिकंटक, क्षुरक, स्वादुकंटक, गोखरू कांटा आदि भी कहते हैं | गोखरू मूत्रवर्धक, मूत्रशोधक, टॉनिक, शक्तिवर्धक, वीर्यवर्धक और कामोद्दीपक होता है | गोखरू धातु विकारों को दूर कर कामशक्ति को बढ़ाता है | धातुस्राव, प्रमेह, और यौन विकारों में यह प्रभावकारी है | गोखरू के प्रयोग से सेक्स कमज़ोरी दूर होती है, वीर्य गाढ़ा होता है और कामोत्तेजना में वृद्धि होती है |
शिलाजीत एक टॉनिक है जो पुरुषों में यौन विकारों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है | इसमें कम से कम 85 खनिज पाए जाते हैं | शिलाजीत रस में अम्लीय  और कसैला, कटु विपाक और समशीतोष्ण ( न अधिक गर्म न अधिक ठंडा ) है | ऐसा माना जाता है कि संसार में रस-धातु विकृति से उत्पन्न होने वाला कोई भी रोग इसके सेवन से दूर हो जाता है | शिलाजीत शरीर को निरोगी और मजबूत करता है |
1.       शिलाजीत पुरुषों के प्रमेह की उत्तम दवा है |
2.       शिलाजीत वाजीकरक है और इसके सेवन से शरीर में बाल ताक़त की व्रद्धि होती है |
3.       शिलाजीत शरीर में ताक़त को बढ़ाता है तथा थकान और कमज़ोरी को दूर करता है |
4.       शिलाजीत यौन शक्ति की कमी को दूर करता है |
5.       शिलाजीत भूख को बढ़ाता है |
6.       शिलाजीत शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद करता है |

 इन सबके अलावा शहंशाही आलम  सीरप में द्राक्षा, बला, अकरकरा आदि कई प्रकार की जड़ी-बुंटीयाँ भी है जो शरीर में ताक़त को बढ़ाती है तथा यौन विकारों को दूर करने में सहायक होती है |
शहंशाही आलम सीरप के लाभ/फायदे (Benefits of Shahenshahi Alam Syrup)
·         शहंशाही आलम शक्तिवर्धक, जोशवर्धक और वाजीकारक औषधि है |
·         शहंशाही आलम के सेवन से प्रजनन अंगों को ताक़त मिलती है और यौन दुर्बलता दूर होती है |
·         शहंशाही आलम के सेवन से शरीर में बल, ताक़त और यौन क्षमता में वृद्धि होती है |
·         शहंशाही आलम एक उत्तम रसायन है |
·         शहंशाही आलम कामेच्छा को बढ़ाता है |
·         शहंशाही आलम शुक्र को गाढ़ा करता है |
·         शहंशाही आलम इंद्रियों को ताक़त देता है |
·         शहंशाही आलम खून की कमी को दूर करता है |
·         शहंशाही आलम के सेवन से शरीर में कांति आती है |
·         शहंशाही आलम के उपयोग से वीर्यवाहिनी नाङियों की कमज़ोरी दूर होती है और समागम काल बढ़ता है |
·         शहंशाही आलम के सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को सुधारने में मदद मिलती है |
·         शरीर में यदि कमज़ोरी है तो सेक्स परफॉर्मेंस भी कमजोर होगा | शहंशाही आलम में अश्वगंधा, कौंच, शतावरी आदि द्रव्य होते हैं जो प्रजनन अंगों को पुष्ट करते हैं और वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार करते हैं |
·         शहंशाही आलम के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है |

शहंशाही आलम के चिकित्सीय उपयोग (Uses of Shahenshahi Alam )
·         शीघ्रपतन (Premature Ejaculation)
·         बल और ताक़त की कमी (Low Strength-Stemina)
·         मांसपेशियों में कमज़ोरी (Muscles Weakness)
·         थकावट, स्टेमीना कम होना (Fatigue)
·         शरीर पर चर्बी की कमी, बहुत पतला होना (Emaciation)
·         सेक्सुअल टॉनिक (Sexual Tonic)
·         शुक्र कीटों को बढ़ाना (Increasing Sperm Count)
·         वाजीकरण (Improving Sexual Desire)
·         लिबिडो कम होना, कामेच्छा की कमी (Low Libido)
·         यौन दुर्बलता (Male Sexual Weakness)
·         स्वपनदोष (Night Fall)
·         स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction)
·         नपुंसकता (Impotence)
·         वीर्य का पतला होना
सेवन विधि :- चाय के 2 से 4 चम्मच भर कर शहंशाही आलम सीरप की मात्रा का सेवन समभाग गुनगुने जल के साथ दिन में 2 बार भोजन के पश्चात किया जाए अथवा इसका सेवन चिकित्सक के परामर्श के अनुसार किया जाए |
परामर्श :- इसे एक ठंडे एवं सूखे स्थान में रखें | प्रयोग के पूर्व शीशी को भली प्रकार हिला लें |
सहयोगी औषधि :-
शहंशाही आलम  कैप्सूल :- शहंशाही आलम  कैप्सूल गुनगुने पानी या दूध के साथ 1 कैप्सूल सुबह 8 बजे एवं 1 कैप्सूल रात को सोने से 1 घंटा पहले लेवें |

सावधानियाँ / साइड-इफेक्ट्स / कब प्रयोग न करें (Cautions / Side-Effects / Contraindications)
·         अगर आपको कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है तो दवा में प्रयुक्त जड़ी-बुंटीयों का उस रोग और उसकी दवाओं पर असर ज़रूर चेक करें |
·         इसके सेवन से वजन बढ़ सकता है |
·         इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें |
·         इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें |
·         इस दवा का प्रभाव व्यक्ति दर व्यक्ति अलग हो सकता है |
·         दवा के साथ साथ भोजन और व्यायाम पर भी ध्यान दें |
·         पानी ज़्यादा मात्रा में पीयें |
·         पाचन ठीक रखें |
·         दवा के सेवन के दौरान दूध, घी, मक्खन, केला, खजूर आदि वीर्यवर्धक आहारों का सेवन अवश्य करें |
·         जंक फूड न खायें |
·         तले, भुने, खट्टे, मसालेदार भोजन न खायें |
·         एक्सरसाइज करें |
·         तनाव कम करें |


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