संधि रक्षक कैप्सूल्स मांस-पेशियों , पीठ , कमर व पसली के द र्द के लिए विवरण :- उचित आहार-विहार का पालन नहीं करने , असमय भोजन करने , ऋतु के प्रतिकूल भोजन करने , पूर्व के भोजन के पचे बिना भोजन कर लेने , बिना रूचि के भोजन करने , रूक्ष , शीत , अल्प तथा लघु भोजन निरन्तर करने , चिंता , शोक , अधारणीय वेदों को रोकने , आदि कारणों से शरीर में वायु प्रकुषित हो जाती है | अग्निमांद्य उत्पन्न हो जाता है | अग्निमांद्य रस धातु का निर्माण रोकता है तथा शरीर में आमरस की वृद्धि होने लगती है | Like Us on FB रस का निर्माण रुक जाने से रस से आगे बनने वाली धातुओं-रक्त , माँस , मेद , अस्थि , मज्जा तथा शुक्र का निर्माण होना तथा उनकी क्रियाशीलता रुक जाती है | मेद की या तो क्षीणता हो जाती है या फिर वृद्धि हो जाती है | मेद की वृद्धि हो जाने के कारण अस्थियाँ घुटनों का ...
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