रक्तसुधा सीरप -रक्त एवं त्वचा रंग शोधक (RaktSudha Syrup-THE BLOOD & SKIN PURIFIER )


रक्तसुधा       सीरप
            
  रक्त एवं त्वचा रोगों के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक पेटेंट औषधि

  विवरण :- आयुर्वेदीय संस्कार एवं शुद्धिकरण  विधि औषधियों को गुणयुक्त  असर देते हैं | रोगों पर जल्दी एवम् सही असर करने के लिए औषध निर्माण शुभमुहूर्त में शुरू किया जाना चाहिए | मंत्रपाठ  करते हुए सभी द्रव्यों, जड़ी-बूटियों व उपकरणों को संस्कारित शुद्धिकरण से औषधियों का प्रभाव बढ़ता है | उत्पादन की सभी पद्धतियों के समय मंत्रों का पाठ, निर्माण करने वालों की श्रद्धा व सकारात्मक ऊर्जा औषधियों को सद्‍भाव युक्त श्रेष्ठ  बनाती है|
  पहली बार एक ऐसा ब्लड प्यूरीफायर (रक्तसुधा), जिसमें है उच्च गुणवत्ता युक्त, दुर्लभ एवं ताज़ा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के मिश्रण के साथ कुदरती विटामिन ई, जो न केवल आपके खून को साफ करे बल्कि आपको बनाए खिला निखरा,जो नज़र आए|
  रक्त मनुष्य का जीवन है| आरोग्य तथा अप्राकृतिक आहार-विहार के कारण, भोजन में अपच्य पदार्थों का अधिक मात्रा में उपयोग करने एवं दूषित वातावरण के कारण रक्त विकार व त्वचा विकार फैलते जाते हैं|
गुणधर्म:-
रक्तसुधा श्रेष्ठ रक्त शोधक औषधि है|                                                              Like Us on FB
रक्तसुधा रक्त विकार के कारणों को दूर कर चेहरे पर निखार लाता है एवं शरीर में शुद्ध रक्त का संचार करता है|
रक्तसुधा रक्त को साफ कर चेहरे पर होने वाले कील, मुँहासे, दाग-धब्बों को दूर कर चेहरे को कांतिमय बनाने में गुणकारी है|
रक्तसुधा त्वचा को चमकदार बनाता है|
रक्तसुधा रक्त अशुद्धि के कारण होने वाले रोग जैसे:-कुष्ठ, वातरक्त, मेदोवृद्धि, खाज-खुजली, फोड़ा-फुंसी आदि रोगों को नष्ट करने में लाभकारी है|
आयु के संधिकाल अर्थात युवक-युवतियों की किशोरवय मे अक्सर कील-मुहाँसे निकलते है| उस स्थिति में भी रक्तसुधा अत्यंत गुणकारी सिद्ध हुआ है|
रक्तसुधा एलर्जी एवं शरीर की जलन दूर कर पाचन संस्थान को भी सुधारता है| मूत्रदाह विशेषकर मूत्राशय की जलन भी दूर करता है|

सेवन विधि:-
बड़ों को 2 से 4 चम्मच दिन में दो बार समभाग पानी मिलाकर|
बच्चों को 1 से 2 चम्मच दिन मे दो बार समभाग पानी मिलाकर|

औषधि सेवन काल में पथ्यापथ्य:-
रक्त विकार की चिकित्सा में पथ्य परहेज का ध्यान बराबर रखना चाहिए | तली हुई या तेलयुक्त चीज़ें, ज़्यादा खारी, खट्टी, चटपटी, नमकीन, मसालेदार, या तीखे  पदार्थ आहार में सेवन नहीं करना चाहिए|                                                                                                                Like Us on FB


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