युगवेदा अश्वगंधारिष्ट ( Yugveda Ashwagandharishta )



         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट एक क्लासिकल आयुर्वेदिक दवा है | युगवेदा अश्वगंधारिष्ट अश्वगंधा, मूसली, मंजिष्ठा, हरीतकी और हल्दी जैसी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों की एक अन्तर्निहित शक्तिशाली मिश्रण है जो की यौन और मानसिक विकारों के उपचार में सहायक होते हैं | यह तनाव, चिन्ता, याद्दाश्त में कमी और अन्य मानसिक समस्याओं के उपचार में मदद करता है | युगवेदा अश्वगंधारिष्ट आयुर्वेदिक विज्ञानं के अनुसार सभी वात प्रबलता रोगों में लाभकारी होता है | यह बाँझपन और नपुंसकता सहित पुरुषों की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी एक अच्छा उपाय है | यह एक स्वास्थ्य टॉनिक है जो की एक लम्बी बीमारी के बाद शक्ति बहाल करने और समग्र स्वास्थ्य के सुधार में मदद करता है |  Like us on Facebok



युगवेदा अश्वगंधारिष्ट के लाभ एवं औषधीय प्रयोग ( Benefits & Uses of Yugveda Ashwagandharishta )
   युगवेदा अश्वगंधारिष्ट में 5 से 10% self-generated-alcohol और पानी दोनों शामिल है जो कि जड़ी बूटियों में सक्रिय यौगिकों को उपलब्ध कराने के लिए माध्यम के रूप में काम करता है | यह संयुक्त सूजन और सूजन को कम करने में मदद करता है | यह हडजोड, कैल्शियम और खनिज पूरक के संयोजन से हड्डियों के द्रव्यमान को बनाने में फायदेमंद है | युगवेदा अश्वगंधारिष्ट का इस्तेमाल निम्नलिखित समस्याओं के उपचार में किया जाता है –                                                                     Like us on Facebok
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट मन को शांति देने वाली और मानसिक रोगों का शमन करने वाली उत्तम आयुर्वेदिक दवा है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट मानसिक कमजोरी,अवसाद, चिंता, थकावट और तनाव के लिए अच्छी दवा है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट मूर्च्छा और उन्माद में भी लाभदायक है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट शरीर में संचित आमविष को नष्ट करता है | यह नए आमवात और जीर्ण आमवात में विशेष लाभकारी है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट आमाशय में अग्नि प्रदीप्त करता है और भूख बढ़ाता है | इसमें पाचन गुण भी हैं जो कि पाचन शक्ति को बढ़ाने में उपयोगी है | मन्दाग्नि और कमजोरी से उत्पन्न होने वाले रोगों में यह उत्तम औषधि है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट पुरुषों में शारीरिक दुर्बलता के कारण आयी नपुंसकता और शक्तिहीनता को दूर करता है | वीर्य कि वृद्धि करता है और शारीरिक बल बढाता है |
·         यदि इसका प्रयोग प्रसूता स्त्री में युगवेदा दशमूलारिष्ट के साथ किया जाये तो यह शरीर में उत्पन्न हुई निर्बलता को दूर करता है और अन्य सूतिका रोगों से बचाता है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट शरीर को बल और शक्ति देती है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट स्नायु में स्फूर्ति देकर दिमाग को तरोताजा करती है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट सप्तधातु को पोषित करती है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट शरीर के हर अंग को ताकत देती है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत उपयोगी है |
·         युगवेदा अश्वगंधारिष्ट दिमाग से तनाव को दूर करता है और कई तरह के मस्तिष्क रोगों से भी बचाता है |   Like us on Facebok


युगवेदा अश्वगंधारिष्ट के चिकित्सकीय उपयोग ( Therapeutic Uses of Yugveda Ashwagandharishta )
    युगवेदा अश्वगंधारिष्ट के सेवन से बेहोशी, स्त्रियों का हिस्टीरिया रोग, दिल की धड़कन, बेचैनी, चित्त कि घबराहट, याददाश्त कि कमी, बहुमूत्र, कमजोर पाचन, सिर में दर्द, काम में मन न लगना, बुढ़ापे की शिथिलता आदि रोग नष्ट होते हैं और बल, वीर्य, कांति और शक्ति कि वृद्धि होती है |                                               
मानसिक विकार
·         मानसिक दुर्बलता (Mental Debility)
·         याददाश्त में कमी (Loss of Memory)
·         उन्माद (Mania/Psychosis)
·         बेहोशी,मिर्गी (Epilepsy)
·         तनाव (Stress)
·         अवसाद (Depression)
·         अनिद्रा (Sleeplessness / Insomnia)
पुरुषों के रोग
·         स्तम्भन दोष (Erectile Dysfunction)
·         अल्पशुक्राणुता (Oligospermia)
·         नामर्दी (Impotance)
·         वीर्य कि कमी
पाचन सम्बंधित रोग
·         पाचन कि कमजोरी (Digestive impairment)
·         बवासीर (Piles)
अन्य रोग
·         शारीरिक दुर्बलता
·         तंत्रिका तंत्र कि दुर्बलता
·         वात रोग (मस्तिष्क संबंधी विकार)
·         आमवात
·         कम रोगप्रतिरोधक क्षमता
·         हिस्टीरिया
सेवन विधि और मात्रा (How to Take & Doses)
·         यह आयुर्वेद का अरिष्ट है और इसे लेने कि मात्रा 12-24 मिलीलीटर है |
·         इसे पानी कि बराबर मात्रा के साथ मिलाकर लेना चाहिए |
·         इसे सुबह नाश्ते के बाद और रात्रि में भोजन करने के बाद लें |
·         इसे भोजन के 30 मिनट बाद, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें |
·         इसे 3 महीने या उससे अधिक समय तक लें |
·         या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें|

सावधानियां / साइड-इफेक्ट्स / कब प्रयोग न करें (Cautions / Side-Effects / Contraindications)        Like us on Facebok
     युगवेदा अश्वगंधारिष्ट प्राक्रतिक रूप से होने वाली जड़ी-बूटियों और अर्क से बना होता है | यह दवा रसायनों से पूरी तरह से मुक्त होता है |यह 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयोग करने के लिए सुरक्षित है | यह किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव का कारण नहीं होता है | हालांकि, दुर्लभ मामलों में यह पाचन विकार पैदा कर सकता है | इसलिए peptic-ulcers से पीड़ित रोगियों को इस दवा का उपयोग करने से बचना चाहिए |
·         इसे निर्धारित मात्रा में लें |
·         इसे खाली पेट न लें |
·         50 मिलीलीटर या उससे अधिक उच्च खुराक पेट में जलन का कारण बन सकती है |
·         यदि युगवेदा अश्वगंधारिष्ट का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सकीय पर्यवेक्षक के अंतर्गत किया जाये तो युगवेदा अश्वगंधारिष्ट के कोई दुष्परिणाम नहीं होते |
युगवेदा अश्वगंधारिष्ट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions About Yugveda Ashwagandharishta )
1.क्या युगवेदा अश्वगंधारिष्ट का प्रयोग करना सुरक्षित है ?
  - इस दवा का सेवन करना बेहद सुरक्षित है | परन्तु डॉक्टर का परामर्श लेना अति आवश्यक है |
2.क्या युगवेदा अश्वगंधारिष्ट का सेवन गर्भावस्था में किया जा सकता है ?
  - इस अवस्था में दवा का सेवन डॉक्टर के परामर्श के बिना नहीं करना चाहिए |
3.अपनी हालत में सुधार के लिए मुझे युगवेदा अश्वगंधारिष्ट का उपयोग कितने समय तक करना चाहिए ?
- हमारे उपयोगकर्ताओं के अनुसार स्थिति में सुधार लाने के लिए युगवेदा अश्वगंधारिष्ट का इस्तेमाल तीन हफ्तों तक करना जरुरी      है | किन्तु हर किसी की स्थिति में फरक होता है इसलिए युगवेदा अश्वगंधारिष्ट के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें |

विवरण:-
उत्पादक
युगवेदा
वजन
450ml.
मूल्य
180.00



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

संधि रक्षक कैप्सूल्स (Sandhi Rakshak Pain Killer Capsules)

युगवेदा अंगूरासव (Yugveda Angoorasav)

शहंशाही आलम सीरप ( Shahenshahi Alam Syrup )