दशमूल क्वाथ: आयुर्वेद का प्राकृतिक दर्दनाशक और रोगनाशक टॉनिक

 परिचय: दशमूल क्या है?

"दशमूल" एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है "दस जड़ें"। यह एक आयुर्वेदिक हर्बल संयोजन है जिसमें पाँच वृक्ष वर्ग (ब्रुहत पंचमूल) और पाँच झाड़ी वर्ग (लघु पंचमूल) की जड़ों को शामिल किया जाता है। इसे विशेष रूप से वात और कफ दोषों के संतुलन के लिए उपयोग किया जाता है।

दशमूल में प्रयुक्त दस औषधियाँ:

1. बृहद पंचमूल (Brhat Panchamoola - वृक्ष वर्ग):

  1. बेल (Aegle marmelos)

  2. अर्जुन (Terminalia arjuna)

  3. गम्भारी (Gmelina arborea)

  4. शालपर्णी (Desmodium gangeticum)

  5. पताला (Stereospermum suaveolens)

2. लघु पंचमूल (Laghu Panchamoola - झाड़ी वर्ग):
6. कांटाकारी (Solanum xanthocarpum)
7. बृहती (Solanum indicum)
8. गणधानी/पृथकपर्णी (Uraria picta)
9. शालपर्णी (Desmodium gangeticum)
10. गोक्षुर (Tribulus terrestris)


दशमूल क्वाथ क्या है?

दशमूल क्वाथ (Dashmool Kwath) इन दस औषधियों की जड़ों से तैयार किया गया काढ़ा होता है। यह आयुर्वेद में एक पारंपरिक और प्रभावी उपाय है, विशेष रूप से सूजन, दर्द, बुखार, स्त्री रोग, वात रोग और श्वास संबंधी समस्याओं में।


दशमूल क्वाथ के लाभ (Benefits of Dashmool Kwath):

1. सूजन और दर्द में राहत:
यह प्राकृतिक दर्दनाशक के रूप में काम करता है और गठिया, जोड़ों के दर्द, कमर दर्द आदि में लाभकारी होता है।

2. वात-कफ संतुलन:
वात और कफ दोष को शांत करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा और संतुलन बना रहता है।

3. स्त्री रोग में सहायक:
मासिक धर्म की अनियमितता, प्रसव के बाद की कमजोरी, गर्भाशय की सूजन आदि में लाभदायक।

4. श्वसन तंत्र को मजबूत करे:
दमा, ब्रोंकाइटिस, सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं में उपयोगी।

5. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए:
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।


सेवन विधि (Dosage and How to Take):

क्वाथ (काढ़ा) तैयार करने की विधि:

  • 5 से 10 ग्राम दशमूल चूर्ण लें।

  • 400 ml पानी में डालें और उबालें।

  • जब पानी 100 ml रह जाए, तब छानकर सुबह-शाम सेवन करें।


सावधानियाँ:

⚠️ गर्भवती महिलाएं या दुधपिलाने वाली माताएं इसे बिना वैद्य की सलाह के न लें।
⚠️ अधिक मात्रा में सेवन करने से पाचन में समस्या हो सकती है।
⚠️ यदि कोई गंभीर रोग हो तो चिकित्सकीय मार्गदर्शन लें।


निष्कर्ष (Conclusion):

दशमूल क्वाथ आयुर्वेद का एक अनमोल उपहार है, जो शरीर को प्राकृतिक रूप से रोगमुक्त और संतुलित बनाता है। यह न केवल दर्द और सूजन को कम करता है बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। यदि आप आयुर्वेदिक तरीके से स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो दशमूल क्वाथ को अपनी दिनचर्या में शामिल करें – परंतु चिकित्सक की सलाह से ही।


क्या आपने कभी दशमूल क्वाथ का सेवन किया है? अपने अनुभव हमें कमेंट में बताएं!


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